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ऐसे 4 भक्तों पर होती है देवकृपा

हर धर्म में सुख और शांति से भरा जीवन बिताने के लिए ईश्वर के प्रति विश्वास और आस्था को सबसे बेहतर तरीका माना गया है। जिसके लिए सभी अपनी धर्म परंपराओं के मुताबिक देव उपासना करते हैं। किंतु हर व्यक्ति के लिए सुख और शांति के अर्थ अलग हो सकते हैं।

यही कारण है कि अलग-अलग कामनाओं या लक्ष्यों से देव उपासना की जाती है। हिन्दू धर्म ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता में इसी आधार पर 4 तरह के भक्तों और भक्ति के कारण बताए गए है, जिन पर भगवान की कृपा होती है, साथ ही यह भी साफ किया गया है कि इनमें से कौन-सा भक्त भगवान को भी सबसे ज्यादा प्यारा होता है? जानते हैं उन चार भक्तों को -

- अर्थार्थी यानि सांसारिक पदार्थों के लिए भगवान को भजने वाला। सरल अर्थों में ऐसे लोग जीवन में भौतिक सुखो को पाने की इच्छा से भगवान को स्मरण करते हैं।

- आर्त यानि संकटमुक्ति के लिए भगवान को भजना। सरल शब्दों में ऐसे लोग जिंदगी में आए संकट, दु:ख और पीड़ा से छुटकारा पाने की इच्छा से भगवान को याद करते हैं।

- जिज्ञासु यानि भगवान के स्वरूप को जानने की इच्छा से भगवान को भजने वाला। मतलब है कि ऐसा भक्त भगवान के साक्षात रूप के दर्शन की कामना से भगवान की भक्ति में लीन हो जाता है।

- ज्ञानी या निष्कामी यानि बिना किसी सांसारिक इच्छाओं, स्वार्थ या हितपूर्ति की कामना से प्रेम, समर्पण से भगवान की भक्ति करता है।

इन चार भक्तों में वैसे तो सभी भगवान का ध्यान किसी भी रूप या कारण से करने के कारण श्रेष्ठ हैं। किंतु ज्ञानि और निष्कामी भक्त की स्वार्थ या इच्छाओं से परे होकर की गई भक्ति, सेवा और शरणागति से वह भगवान को भी बहुत पंसद होता है।

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